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क्या है यूनिफाइड पेंशन स्कीम?

आजकल यूनिफाइड पेंशन स्कीम बहुत ही चर्चे में हैं आप हर जगह यही सुन रहे होंगे की मोदी जी ने UPS लागू कर दिया तो छलिया आज सबकुछ हिंदी में जानते हैं की क्या है क्या है यूनिफाइड पेंशन स्कीम? इसकी विशेषता क्या है और क्यों ये NPS से अलग है?

शनिवार शाम को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम की मंजूरी दे दी। सभी सरकारी करमचारियों ने मोदी सरकार की यूनिफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme) लागू करने के लिए तारीफ़ की हैं। 

​​सरकारी कर्मचारी संगठनों के ज्वाइंट फोरम – ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (JCM) के सेक्रेटरी शिव गोपाल मिश्रा ने बताया है कि उन्हें प्रधानमंत्री द्वारा आमंत्रित किया गया था और उन्होंने कहा कि यह पहली बार था कि JCM को किसी प्रधानमंत्री द्वारा आमंत्रित किया गया हो। मीटिंग बहुत ही अच्छी थी। यह सभी 32 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए यह बहुत गर्व का पल था।

यूनिफाइड पेंशन स्कीम की विशेषता क्या है?

सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यूनिफाइड पेंशन स्कीम में सुनिश्चित पेंशन की व्यवस्था की गई है। इसके तहत कम से कम 25 साल की सेवा के लिए रिटायरमेंट से पहले के अंतिम 12 महीनों में मिली बेसिक सैलरी के औसत के 50% की व्यवस्था की गई है। कम से कम 10 साल तक की सर्विस के लिए यह आनुपातिक होगा। 

नीचे कुछ बिंदुवों से समझते हैं की यूनिफाइड पेंशन स्कीम की विशेषता क्या है।

पीएम मोदी ने बताया गर्व

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने इस घोषणा को सभी सरकारी कर्मचारियों पर गर्व जताया। उन्होंने कहा, ‘देश की प्रगति के लिए कठिन परिश्रम करने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों पर हमें गर्व है। यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) इन कर्मचारियों की गरिमा और आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने वाली है। यह कदम उनके कल्याण और सुरक्षित भविष्य के लिए हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

NPS से कैसे अलग है यह स्कीम?

अभी पेंशन के लिए कर्मचारियों को नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में बेसिक सैलरी का 10 फीसदी हिस्सा कॉन्ट्रिब्यूट करना होता है। इसमें सरकार अपनी ओर से 14 फीसदी हिस्सा सरकार अपनी ओर से देती है। अब UPS में कर्मचारी को कोई भी अंशदान नहीं देना होगा। सरकार अपनी तरफ से कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 18.5 फीसदी हिस्सा जोड़ेगी। इससे पहले सभी सरकारी कर्मचारी पेंशन को बहाल करने की माँग कर रहे थे।

सरकारी कर्मचारियों की पेंशन का मुद्दा लोकसभा चुनाव में भी हावी था। काफी कर्मचारी पुरानी पेंशन (OPS) को बहाल करने की मांग कर रहे थे। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी पेंशन का मुद्दा उठाया था। कर्मचारी संगठनों ने OPS को बहाल करने को लेकर फरवरी में प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र भी लिखा था। पत्र में मांग की गई थी कि सरकार NPS बंद करे और गारंटीकृत ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करे। संगठनों ने कहा था कि अगर उनकी मांग पूरी न की गई तो वे एक मई से हड़ताल करेंगे। हालांकि सरकार से बातचीत और आश्वासन मिलने के बाद हड़ताल को टाल दिया गया था।

इस पोस्ट को पूरा पढ़ने के बाद भी अगर किसी भी तरह की कोई भी doubt है तो आप मुझे कॉमेंट में बेझिझक पूछ सकते हैं। मैं जरुर उन Doubts को विस्तृत मैं आपको बताने की कोशिश करूँगा।

इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ने के लिए और लोगों तक पहुँचाने के लिए धन्यवाद!!

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