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कंप्यूटर काम कैसे करता है?

कंप्यूटर के बारे में हम सभी को कुछ ना कुछ पता है और देखते भी हैं की कंप्यूटर काम कैसे करता है, लेकिन अगर किसी चीज़ को सही से जानना है तो उसकी तह तक जाना होगा और समझना होगा कि आख़िर जो चीज़ें हम बाहर से देखते हैं या कंप्यूटर को हम निर्देश देते हैं उसी चीज़ों को वो इतनी आसानी से और जल्दी मॉनिटर या स्क्रीन पर कैसे अंकित कर देता है।

आसान भाषा मैं हम बोल सकते हैं की कैसे किसी भी इनपुट डिटेल्ज़ का आउट्पुट आसानी से देता है।

वैसे कंप्यूटर ना दो चीज़ों के कॉम्बिनेशन से बना होता है एक होता है हार्डवेयर और दूसरा सोफ़्टवेयर। दोनों एक दूसरे के पूरक होते हैं और किसी एक के बिना हम कंप्यूटर की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। 

अब आप सोच रहे होंगे की ये सब चीज़ें इतने डिटेल मैं किसी ने बताया नहीं या पढ़ा नहीं ज़्यादातर article मैं ये सब होते नहीं हैं, ये हार्डवेयर और सोफ़्टवेयर होते क्या हैं ? और कंप्यूटर इनके सहयोग से काम कैसे करता हैं चलिए सबकुछ हिंदी में जानते हैं।

कंप्यूटर के काम करने के तरीक़े को जानने से पहले हमें हार्डवेयर और सोफ़्टवेयर को जानना होगा तो शुरू करते हैं हार्डवेयर से।

कंप्यूटर हार्डवेयर क्या होता है?

कंप्यूटर का भौतिक भाग होता है जिसमें उसके डिजीटल सर्किट लगे होते हैं जैसा कि कंप्यूटर सॉफ्टवेयर से प्रदर्शित होता है और यह हार्डवेयर के अंदर ही रहता है, जिसे हम छू भी सकते हैं और देख भी सकते हैं।

कंप्यूटर का स्क्रीन जिसपे आप ये article पढ़ रहे हैं और सर्च कर रहे हैं इसका एक बेहतरीन उदाहरण है।

किसी कंप्यूटर का हार्डवेयर उसके सोफ्टवेयर और हार्डवेयर डाटा की तुलना में यदा-कदा बदल जाता है।

जैसा कि मैंने ऊपर बताया की हार्डवेयर के बिना कंप्यूटर का अस्तित्व नहीं है लेकिन अगर आपको हार्डवेयर से कुछ काम करवाना है तो उसके लिए सोफ़्टवेयर का होना अनिवार्य है। कंप्यूटर बहुत सारे हार्डवेयर पार्ट्स से बना होता है जैसे कि रेम, रोम, मदरबोर्ड, CPU, नेटवर्क कार्ड, केयबोर्ड और माउस ऐसे ही बहुत सारे हार्डवेयर पार्ट्स से बना होता है जिसकी विस्तृत जानकारी हम आगे के article मैं लेंगे।

कंप्यूटर सोफ़्टवेयर क्या होता है?

सॉफ्टवेयर, निर्देशों तथा प्रोग्राम्स का वह समूह होता है जो कंप्यूटर को किसी कार्य विशेष को पूरा करने का निर्देश देता हैं। 

सॉफ्टवेयर के बिना कम्प्युटर एक निर्जीव हैं वस्तु है बिना सोफ़्टवेयर के हम सिर्फ़ हार्डवेयर से कुछ नहीं कर सकते हैं। सोफ़्टवेयर को हम ना छू सकते हाँ और ना ही देख सकते हैं क्योंकि इसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं होता हैं, यह एक आभासी वस्तु हैं जिसे केवल समझा जा सकता हैं।

वेब ब्राउज़र जिसपे आप गूगल खोलते हैं हर वो चीज़ें सर्च करते हैं जो आपको जानना होता है एसक एक बेहतरीन उदाहरण है। सोफ़्टवेयर के बारे में विस्तृत जानकारी हम अगले article मैं लेंगे। अभी फ़िलहाल कंप्यूटर के कार्य करने की पद्धति के बारे में जानते हैं जिसके लिए हार्डवेयर और सोफ़्टवेयर को थोड़ा सा जानना ज़रूरी था।

कंप्यूटर अपने काम को कुछ स्टेप्स में बाँट देता है और उसे सुचारू रूप से कर के आपको आउट्पुट देता है।

  1. इनपुट डाटा: कंप्यूटर से कुछ भी कराने के लिए हमें पहले कंप्यूटर को बताना पड़ता है की हमें क्या करना है, इसमें हम रॉ इन्फ़र्मेशन को अपने इनपुट डिवाइस जैसे की माउस, कीबोर्ड, स्कैनर, के माध्यम से हम निर्देश देते हैं की हमें क्या करना है।
  1. प्रोसेसर: डाटा इनपुट करने के बाद बात आती है प्रोसेसर की जो डाटा इनपुट किए गए डाटा को उसके निर्देश के अनुसार आगे भेजता है जो कि हमें दिखायी नहीं देता ये पूरी तरह से इंटर्नल प्रॉसेस होता है। वैसे आसान भाषा में बोल सकते हैं की हमारे निर्देश तथा प्रोग्राम का पालन करके कार्य सम्पन्न करता है।
  1. आउट्पुट: निर्देशित किया हुआ डाटा प्रोसेसर के द्वारा प्रॉसेस हो गए डाटा हमें स्क्रीन पर दिखायी देता है और वो फ़ाइनल रिज़ल्ट होता है अगर हमें लगता है कि ये डाटा बाद में काम में आ सकता है या बार बार प्रयोग में आ सकता है तो इसे हम मेमोरी में सेव कर के रख सकते हैं। निर्देशित किए हुए सूचनाओं को संग्रह के माध्यम जैसे हार्ड डिस्क, फ्लापी डिस्क आदि में एकत्र किया जा सकता है ।

जब भी हम कंप्यूटर केस को खोलते हैं तो उसके भीतर काफ़ी सारे छोटे छोटे मशीन होते हैं चलिए उसमें से कुछ महत्वपूर्ण  मशीन के बारे में जानते हैं।

  • सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU)/ प्रोसेसर

सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट का एक कंप्यूटर में डाटा प्रॉसेस करने में एक अहम योगदान है ये कंप्यूटर के भीतर हो रहे सरे गतिविधियों पर नज़र रखता है जितना ज़्यादा एक प्रॉसेसर की स्पीड होगी उतनी ही जल्दी ये निर्देशित किए हुए डाटा का आउट्पुट दिखा पाएगा।

CPU को हिन्दी में केन्द्रीय विश्लेषक इकाई भी कहा जाता है। इसके नाम से ही स्पष्ट है, यह कंप्यूटर का वह भाग है, जहां पर कंप्यूटर प्राप्त सूचनाओं का विश्लेषण करता है। सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU) को तीन भागों में बाँटा गया है और सभी के कार्य और जिम्मेदारियाँ अलग अलग होता है।

  1. कन्ट्रोल यूनिट
  2. ए.एल.यू.
  3. स्मृति

कन्ट्रोल यूनिट

कन्ट्रोल यूनिट कंप्यूटर की इनपुट एवं आउटपुट युक्तियों को कंट्रोल करने का काम करता है। इसके साथ साथ और भी कुछ महत्वपूर्ण कार्य कन्ट्रोल यूनिट करता है –

1. सर्वप्रथम इनपुट युक्तियों की सहायता से सूचना/डेटा को कन्ट्रोलर तक पहुँचना होता है।

2. कन्ट्रोलर द्वारा निर्देशित सूचना/डेटा को स्मृति (मेमोरी) में उचित स्थान देना।

3. स्मृति (मेमोरी) से सूचना/डेटा को पुनः कन्ट्रोलर में लाना एवं इन्हें ए.एल.यू. में भेजना।

4. ए.एल.यू.से प्राप्त परिणामों को आउटपुट युक्तियों पर भेजना एवं स्मृति में उचित स्थान प्रदान करना।

ए.एल.यू.

कंप्यूटर की वह इकाई जहां सभी प्रकार की गणनाएं(calculations) किया जाता है, इसे हम अर्थमेटिक एण्ड लॉजिकल यूनिट कहते हैं।

स्मृति 

स्मृति (मेमोरी) किसी भी निर्देश, सूचना अथवा परिणाम को अपने अंदर संचित करके रखता है। कंप्यूटर के सी.पी.यू. में होने वाली समस्त क्रियायें सबसे फले स्मृति में जाता है। तकनीकी रूप में मेमोरी कंप्यूटर का कार्यकारी संग्रह है। 

मेमोरी कंप्यूटर का अत्यधिक महत्वपूर्ण भाग है जहां डाटा, सूचना और प्रोग्राम प्रक्रिया के दौरान स्थित रहता है और आवश्यकता पड़ने पर तत्काल उपलब्ध होता हैं ।

  • मदरबोर्ड

मदरबोर्ड किसी भी कंप्यूटर का मुख्य सर्किट बोर्ड होता है पूरे कंप्यूटर के सभी मशीन इसी से जुड़े होते हैं। यह एक पतली प्लेट की तरह दिखता है और इसमें अंदर बहुत सारे कनेक्शन होता है जो कि सभी मशीन जैसे की शिo पीo यूo, मेमोरी, हार्ड ड्राइव, ऑप्टिकल ड्राइव, ऑडीओ, विडीओ ड्राइव, को आपस में जोड़ता है।

  • रेम (RAM)

RAM एक शोर्ट टर्म मेमोरी होता हाई इसे हम रंडम एक्सेस मेमोरी भी बोलते हैं। जब भी कभी कंप्यूटर में कुछ

कैलकुलेशन/काम करते हैं तब ये रिज़ल्ट दिखाने के लिए या उसे कुछ देर तक हमें दिखायी देने के लिए उसे टेम्प्रोरि सेव कर लेता है लेकिन जैसे ही हम कंप्यूटर बंदकरते हैं तो ये टेम्प्रोरि सेव किया हुआ डाटा डिलीट कर देता है। यदि हम कोई काम कर रहे हैं तो बीच बीच में उसे सेव करते रहना चाहिए नहीं तो अगर कंप्यूटर किसी कारण कंप्यूटर off हुआ तो सारा डाटा डिलीट हो जाएगा और वो कम हमें फिर से करना पड़ेगा। 

RAM को मेगाबाइट (MB) और गिगबाइट्स (GB) में मापा जाता हैं। एक कंप्यूटर की स्पीड उसके रेम पे भी निर्भर करता है जितना ज़्यादा रेम होगा उतना एक कंप्यूटर के लिए अच्छा होता है। 

  • हार्ड ड्राइव (Hard Drive)

हार्ड ड्राइव कंप्यूटर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पार्ट है। आप कुछ डोकमेंट्स, सोफ़्टवेयर, मूवी, गाने और आपके पुरानी से पुरानी तस्वीरें कंप्यूटर में लम्बे समय के लिए रखते हैं और बाद में इसे देखते हैं या प्रयोग करते हैं जो की आपके कंप्यूटर के हार्ड ड्राइव (Hard Drive) में होता है।

ऊपर के सारे कोमपोनेंट्स मिलकर कार्य करते हैं और हमें आउट्पुट देते हैं। वैसे कंप्यूटर के तकनीकी में दिन व दिन बहुत बदलाव आ रहे हैं जो की इसके कार्य करने के क्षमता को अधिक तीव्र कर रहा है और सस्ती भी होती जा रही है। जैसे जैसे लोगों की जरुरत बढ़ेगी वैसे वैसे इसमें और भी ज्यादा बदलाव आता रहेगा। 

एक समय ऐसा भी आएगा जब हम अपने मन से नियंत्रित कर पाएँगे।

आजकल Scientists ओप्टिकल कंप्यूटर, DNA कंप्यूटर, और कवान्टम कंप्यूटर पे ज़्यादा रिसर्च कर रहे हैं।

आशा है कि आप कंप्यूटर के कार्य करने के तरीक़े और कैसे काम करता हाई उसपे प्रोसेस के बारे सबकुछ हिंदी में समझ गए होंगे।

हमारे बीच ऐसे कई बच्चे, नौजवान होंगे जिन्हें कंप्यूटर के काम करने के तरीक़े के बारे में पता नहीं होगा और इसके बारे समझ नहीं पा रहे होंगे कृपया उनकी मदद के लिए इस पोस्ट को उनलोगों तक ज़रूर पहुचाएँ जससे की उनकी ज्ञान मैं वृधि हो सके और अच्छे से समझ सकें।

इस पोस्ट को पूरा पढ़ने के बाद भी अगर किसी भी तरह की कोई भी doubt है तो आप मुझे बेझिजक पूछ सकते हैं। मैं जरुर उन Doubts को विस्तृत मैं आपको बताने की कोशिश करूँगा।

एस पोस्ट को पूरा पढ़ने के बाद अगर आप कंप्यूटर के कार्य करने के पद्धति के बारे में थोड़ा भी समझ गए होंगे तो कृपया इस पोस्ट को सोसल मीडिया जैसे कि Facebook, Twitter इत्यादि पर share ज़रूर करें।

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