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क्लाउड सर्वर क्या होता है? 

क्लाउड सर्वर क्या होता है? जानने के लिए एक उदाहरण से शुरू करते हैं। मान लीजिए की आपने एक व्यवसाय शुरू किया। अभी आप अपने डेटा को आराम से अपने कंप्युटर मे रख सकते हैं। समय के साथ आपका व्यवसाय बढ़ने लगा और आपके व्यवसाय मे कई लोग कार्य कर रहे है सभी के कंप्युटर मे डेटा है। अब आपको ये चिंता होना लाजमी है की कहीं डेटा खराब ना हो जाए। इसलिए आप अपने डेटा को सुरक्षित रखने के लिए एक उचित स्थान खोजते है कुछ ऐसे ही कामों के लिए काम मे आता है हमारा क्लाउड सर्वर।  

 क्लाउड सर्वर एक वर्चुअल सर्वर है जो ऑनलाइन उपलब्ध होता है। क्लाउड सर्वर के लिए आपको कोई हार्डवेयर खरीदने एवं उसके रख-रखाव की जरूरत नहीं पड़ती इसकी पूरी जिम्मेदारी थर्डपार्टी जिसके द्वारा सर्विस प्रदान की जाती है उसके ऊपर होती है। आप इसे एक सर्विस के रूप में इस्तेमाल करने के साथ ही उतना भुगतान करते हैं जितना सर्विस का आप इस्तेमाल करते हैं। 

उदाहरण के लिए गूगल ड्राइव एक क्लाउड सर्वर है जो आपको 15 gb का storage देता है।  

क्लाउड सर्वर कैसे काम करता है? (How does a cloud server work?)

यहाँ एक शब्द बार-बार प्रयोग हो रहा वर्चुअल तो आइए इसे समझते हैं। कंप्युटर एक सर्वर की भांति कार्य करता है। मान लीजिए आपने इसके RAM को कुछ भागों मे बांटकर उनमे ऑपरेटिंग सिस्टम को इंस्टॉल कर दिया जिससे ये सभी भाग एक सर्वर की तरह कार्य करने लगेंगे। चूंकि कंप्युटर तो एक था जिससे सर्वर भी एक होना चाहिए परंतु कई सर्वर उपलब्ध हो गए इन्हे ही वर्चुअल सर्वर कहते हैं।

क्लाउड सर्वर वर्चुअलाइजेसन तकनीकी पर कार्य करता है। इसका उदाहरण हमने देखा की कैसे एक फिज़िकल सर्वर (उपर्युक्त उदाहरण मे कंप्यूटर) को कई वर्चुअल सर्वर(RAM को बांटना) मे बाँट दिया जाता है। जिसमे यूजर अपने-अपने सर्वर मे स्वतंत्र रूप से कार्य करते हैं। 

हाइपरवाइजर का उपयोग वर्चुअल मशीन बनाने के साथ ही उसका चालन भी करती है। और यह सभी वर्चुअल मशीन के लिए होस्ट सर्वर के कंप्युट, स्टॉरिज एवं नेटवर्क संसाधनों को आवंटित करती है।  

क्लाउड सर्वर इंटरनेट के द्वारा जुड़े रहते हैं। जब यूजर अपने कंप्युटर मे माध्यम से क्लाउड सर्वर को एक्सेस करता है तब इंटरनेट ही इनके जोड़ने का जरिया होता है। इसका मतलब आप कहीं से भी क्लाउड सर्वर से डेटा एवं एप्लीकेशन तक पहुँच सकते हैं। 

इसक अंतर्गत संसाधनों (प्रोसेसिंग पावर, मेमोरी, स्टॉरिज) का वितरण स्वचालित होता है।

ये किसी तरह की त्रुटि होने पर स्वयं ठीक करते हैं तथा आपको सूचना देते हैं। साथ ही साथ ये अपने आप को अपडेट तथा पैच बनाते रहते है। ताकि सुरक्षा और प्रदर्शन बना रहे। 

क्लाउड सर्वर के प्रकार (Types of cloud servers)

  1. सार्वजनिक क्लाउड सर्वर – सार्वजनिक क्लाउड सर्वर को सेवा प्रदाता के द्वारा कंपनियों एवं व्यक्तिगत यूजर्स के साथ शेयर करना पड़ता है उदाहरण के लिए गूगल फ़ोटोज़ मे स्टोर होने वाला डेटा सार्वजनिक क्लाउड सर्वर मे स्टोर होता है। इसके पब्लिक क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर शेयर की वजह से यूजर के लिए लचीला एवं सस्ता समाधान पड़ता है। 
  2. निजी क्लाउड सर्वर – इसका उपयोग केवल किसी व्यवसायी या संस्थान द्वारा निजी इस्तेमाल के लिए किया जाता है। इसमे अधिक नियंत्रण और सुरक्षा होती है। इसको किसी के साथ शेयर नहीं किया जाता है। जिसके कारण यह महंगा होता है। 
  3. हाइब्रिड क्लउड सर्वर – जैसा की नाम से पता चल रहा है की इसमे प्राइवेट एवं पब्लिक क्लाउड सर्वर दोनों की विशेषता होगी। इसमें सेन्सटीव डेटा को प्राइवेट(निजी) एवं बाकी को पब्लिक(सार्वजनिक) क्लाउड सर्वर के साथ रखा जाता है। जहां एक तरफ आपको नियंत्रण और सुरक्षा मिल रही वही थोड़ा सस्ता सर्वर भी पब्लिक क्लाउड सर्वर की वजह से मिल जा रहा। 

क्लाउड सर्वर का चयन कैसे करें?

आवश्यकताओं की पहचान करें क्या आपको ज्यादा पावर प्रोसेसिंग, स्टॉरिज के साथ अन्य सेवाएं चाहिए।  

बजट और लागत विश्लेषण के अनुसार एक योग्य सर्वर अपने लिए खरीदें। 

सुरक्षा की दृष्टि क्या आपके डेटा की सुरक्षा एवं गोपनीयता चाहिए तो एक योग्य क्लाउड प्रदाता चुनें। 

सेवा प्रदाता की समीक्षा करें एवं जो आपकी आवश्यकताओं को पूरी करें वही क्लाउड प्रदाता लें। 

वर्चुअलाइजेसन को जानें एवं उससे आपको क्या लाभ हो सकता है उसके अनुसार योग्य क्लाउड चुनें। 

क्लाउड सर्वर के उपयोग

  • इसका प्रयोग डेटा को स्टॉरिज के लिए किया जाता है। 
  • क्लाउड सर्वर आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस एवं मशीन लर्निंग को ट्रैनिंग देने एवं चलाने के लिए कम्प्यूटिंग संसाधन प्रदान करता है। 
  • डेटा की बैकअप और रिकवरी के लिए। जिससे डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
  • इसका इस्तेमाल वेबसाईट एवं application को होस्ट के लिए किया जाता है। क्लाउड सर्वर स्थिरता एवं स्केलिबिलिटी प्रदान करता है। 
  • सॉफ्टवेयर डेवलपर इसका इस्तेमाल Application डेवलपमेंट एवं टेस्टिंग के लीये करते है। 
  • अनलाइन गेमिंग मे क्लाउड सर्वर का इस्तेमाल लाइव स्ट्रीमिंग के लिए किया जाता है जिससे उन्हे एक शानदार अनुभव बिना किसी बड़े हार्डवेयर के प्रयोग से भी प्राप्त होता है।

निष्कर्ष 

क्लाउड सर्वर इंटरनेट के माध्यम से डेटा और एप्लिकेशन्स को स्टोर और व्यवस्थित करने का प्लेटफॉर्म हैं। ये आश्यकता पड़ने पर तुरंत संसाधन बढ़ाने या घटाने की सुविधा देते हैं। इससे खर्च कम होता है और काम आसान होता है। फिर भी, सुरक्षा और डेटा प्राइवेसी पर ध्यान देना जरूरी है। ऐसा कहा जा सकता है कि, क्लाउड सर्वर के इस्तेमाल से आईटी सेक्टर का काम सरल और प्रभावी हो जाता है।

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