इस पोस्ट में हम कंप्यूटर हार्डवेयर क्या होता है? कितने प्रकार के होते हैं और इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी लेंगे।
हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर इन दो शब्दों के बारे में अवस्य सुना होगा, क्योंकि इन दोनों से ही मिलकर एक कंप्यूटर का निर्माण होता है, और दोनों एक दूसरे के पूरक होते हैं बोले तो किसी एक से या किसी एक के बिना हम कंप्यूटर की कल्पना नहीं कर सकते।
हार्डवेयर के बिना कंप्यूटर का कोई अस्तीत्व नही है यह बिल्कुल ऐसा ही है, जैसे बिना दिमाग़ का हमारा शरीर! जिसमें हमारा दिमाग़ एक सोफ़्टवेयर और हमारे शरीर के सभी अंग हार्डवेयर के रूप में कार्य करता है।
जैसा कि आपको पता है हार्डवेयर कंप्यूटर का एक अभिन्न अंग है और इसके बिना हम कंप्यूटर के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं और तो चलिए हार्डवेयर के बारे में विस्तार से सबकुछ हिंदी में जानते हैं।
हार्डवेयर क्या है (What is Computer Hardware in Hindi)
देखिए हार्डवेयर कंप्यूटर का भौतिक भाग होता है जिसमें उसके डिजीटल सर्किट लगे होते हैं। हार्डवेयर कंप्यूटर का वो हिसा है जिसे हम देख भी सकते हैं और छु भी सकते हैं ये इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स होते हैं जिसमें डिजिटल सर्किट लगे होते हैं। अगर हम पुरे विस्तृत वर्णन करें तो यह कंप्यूटर का भौतिक भाग है, और कंप्यूटर का ये भाग सर्किट बोर्ड, ICs, और दुसरे इलेक्ट्रॉनिक्स होते हैं।
इसका सबसे सुंदर उदहारण, जो आप अभी अपने कंप्यूटर के डिस्प्ले/स्क्रीन में पे मेरा लेख पढ़ रहे हैं, वो स्क्रीन या फिर किसी भी टेबलेट, स्मार्ट फ़ोन का स्क्रीन है। या फिर कंप्यूटर पे कुछ भी सर्च करने के लिए जिस कीबोर्ड का अपने प्रयोग किया था वो एकदम लाइव उदाहरण है। किसी कंप्यूटर का हार्डवेयर उसके सोफ्टवेयर और हार्डवेयर डाटा की तुलना में यदा-कदा बदल जाता है। ये डाटा महसूस करने में वस्तुपरक नहीं होते हैं और इन्हें तत्काल, संशोधित अथवा मिटाया जा सकता है।
“हमारे कंप्यूटर में जितने भी इनपुट, आउट्पुट, प्रॉसेसिंग और स्टोरेज डिवाइस होते हैं वो सभी एक हार्डवेयर होते हैं।“
“बोलचाल और सोर्टकट में लिखने के लिए हार्डवेयर को हम HW या H/W भी बोलते हैं।“
किसी भी हार्डवेयर के बिना आपका कंप्यूटर मौजूद नहीं है, और इसके बिना ना ही आप कोई सॉफ़्टवेयर का उपयोग कर सकते है। अगर सोफ़्टवेयर कंप्यूटर का दिमाग़ है तो फिर आपका शारीर कंप्यूटर का हार्डवेयर है।
फर्मवेयर (Firmware)
किसी सोफ्टवेयर की एक विशेष किस्म होती है जिसे जरूरत पड़ने पर बदला जा सकता है और हार्डवेयर यंत्रों पर रक्षित किया जा सकता है जैसे केवल पठन स्मृति (read-only memory या रोम) जहां इसे तत्काल बदला नहीं जा सकता है (और इसीलिए, वस्तुपरक रहने की तुलना में स्थिर बना दिया जाता है।
अधिकांश कंप्यूटर सामान्य यूज़र द्वारा नहीं देखे जाते हैं। यह ऑटोमोबाइल, माइक्रोवेव
ओवन, इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी मशीन, कोम्पेक्ट डिस्क (compact disc) प्लेयर तथा अन्य यंत्रों में उपयोग की जाने वाली एक एम्बेडेड सिस्टम (embedded systems) है।
जैसा कि मैंने ऊपर बताया की हार्डवेयर के बिना कंप्यूटर का अस्तित्व नहीं है लेकिन अगर आपको हार्डवेयर से कुछ काम करवाना है तो उसके लिए सोफ़्टवेयर का होना अनिवार्य है। कंप्यूटर बहुत सारे हार्डवेयर पार्ट्स से बना होता है जैसे कि रेम, रोम, मदरबोर्ड, CPU, नेटवर्क कार्ड, केयबोर्ड और माउस ऐसे ही बहुत सारे हार्डवेयर पार्ट्स से बना होता है, तो चलिए इसकी विस्तृत जानकारी लेते हैं।
हार्डवेयर के प्रकार (Types of Hardware in Hindi)
वैसे हार्डवेयर को दो भागों में विभाजित किया गया है एक इक्स्टर्नल (जो हार्डवेयर पार्ट्स हमें बाहर दिखायी देते हैं उसे इक्स्टर्नल हार्डवेयर बोलते हैं) और दूसरा इंटर्नल (जो कंप्यूटर केस के अंदर होता है केस को खोलने के बाद दिखायी देता है) लेकिन अब टेक्नॉलजी बदल रही है और जयदतर चीज़ें इंटर्नल हो चुकी हैं।
हमलोग मुख्यतः दो प्रकार के सिस्टम देखते हैं एक लैपटॉप और दूसरा डेस्क्टॉप। लैपटॉप में सारे फ़िज़िकल कम्पोनेंट्स उसी में जुड़े होते हैं और ऐंडर होते हैं बस कीबोर्ड, माउस और स्क्रीन बाहर दिखाई देता हैं, वहीं डेस्क्टॉप में सारे पार्ट्स अलग अलग आते हैं और ज़्यादातर पार्ट्स दिखाई देता है। लेकिन दोनों के हार्डवेयर के पार्ट्स लगभग एक जैसा होता है।
चलिए इन हार्डवेयर के प्रकार और उदाहरण को समझते हैं।
मदरबोर्ड
मदरबोर्ड को हम कंप्यूटर का सबसे मुख्य भाग मानते हैं वैसे ये इंटर्नल हार्डवेयर की श्रेणी में आता है और हमारे कम्पतर केस के अंदर होता है। कंप्यूटर के सभी इनपुट आउट्पुट पार्ट्स इसी से जुड़े हुए होते हैं। एक बोर्ड होता है जिसको पी० सी० बी० बोले तो प्रिंटिंग सेर्किट बोर्ड भी बोला जाता है।
सी० पी० यू० (माइक्रोप्रॉसेसर)
सी पी यू जीसका पूरा नाम सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट है। इसे कंप्यूटर का मस्तिस्क भी कहते हैं। वैसे ये खुद एक हार्डवेयर नहीं होता है लेकिन इसके अंदर कई छोटे बड़े हार्डवेयर लगे होते हैं। ये पूरे कंप्यूटर को कंट्रोल करता है दूसरी भाषा में बोले तो ये पूरे कंप्यूटर के परिवार का मुखिया होता है। जो मुखिया का आदेश होता है पूरा कंप्यूटर के पार्ट्स उसे मानते हैं और हमें आउट्पुट दिखाते हैं। जैसे हमारा दिमाग हमें जो बोलता है वही हम करते हैं ठीक इसी तरह हमारा सी पी यू भी काम करता है।
मुख्य रूप से इसके तीन कम्पोनेंट्स होते हैं
ए एल यू (जिसे हम अर्थमेंटिक और लॉजिकल यूनिट के नाम से जानते हैं।), सी यू (जिसे हमलोग कंट्रोल यूनिट के नाम से जानते हैं) और एम यू (जिसे हम मेमरी यूनिट के नाम से जानते हैं)। सभी कम्पोनेंट्स का अपना अपना ज़िम्मेदारी तय होता है, जैसे ए एल यू जितने भी हिसाब किताब का काम होता है करता है जैसे की जोड़, घटाव, गुणा और भाग।
सी यू जितने भी तुलनात्मक कार्य होते हैं जैसे Less than और greater than और मेमरी यूनिट में प्राइमरी और सेकंडेरी मेमरी होते हैं।
मॉनिटर
कंप्यूटर मॉनिटर इक्स्टर्नल हार्डवेयर के श्रेणी में आता है। यह एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होता है जो हमारे कंप्यूटर में इनपुट किए गए चीज़ों को दिखाता है। वैसे ये बिलकुल आपके घर के टीवी की तरह दिखता है। लेपटोप में ये उसी के साथ लगा हुआ होता है और लेपटोप को प्रयोग करने से फले इसे ऊपर की ओर उठाना होता है।
CRT मॉनिटर: ये भारी और बड़े होते हैं और बहुत ज़्यादा जगह और और बिजली का इस्तमाल करते हैं। ये अब बहुत पुरानी टेक्नॉलजी हो चुकी है अब ज़्यादातर प्रयोग में नहीं देखा जाता। यह कथोड रे ट्यूब टेक्नॉलजी पे काम करता है।
LCD मॉनिटर: ये बहुत ही हल्का आओर पतला होता है, इसे एक छोटे से तबले पे भी रखा जा सकता है और ज़रूरत पड़ने पर दीवार पे भी लटकाया जाता है। ये CRT के मुक़ाबले नयी तकनीक पर आधारित होता है। आजकल लेपटोप, नोट्बुक कम्प्यूटर्स में ज़्यादा प्रयोग में होता है इसके साथ साथ ये टच स्क्रीन का भी काम करते हैं।
कीबोर्ड
केबोर्ड एक इक्स्टर्नल हार्डवेयर की श्रेणी में आता है, कंप्यूटर पे कुछ भी टाइप करने या लिखने के काम में आता है बिना इसके कंप्यूटर में कुछ भी आसान नहीं होता। वैसे कंप्यूटर में एक ओर कीबोर्ड होता है जो कि सोफ़्टवेयर पे आधारित होता है लेकिन उससे टाइप करना ज़्यादा आसान नहीं होता। ये एक फ़िज़िकल डिवाइस होता है जिसे हम छू और देख भी सकते हैं। वैसे कीबोर्ड सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किए जानेवाले में से एक डिवाइस है। इसे USB पोर्ट के माध्यम से कंप्यूटर में कनेक्ट किया जाता है और लेपटोप में उसी में लगा हुआ होता है इसे अलग से जोड़ने की ज़रूरत नहीं होता।
माउस
माउस को हम पोईंटिंग डिवाइस या कर्सर मूविंग देविके भी बोलते हैं, ये भी इक्स्टर्नल हार्डवेयर की श्रेणी में आता है, एज़्मी दो या तीन बटॉंज़ होते हैं जिसे हम लेफ़्ट, राइट, और स्क्रोल के नाम से जानते हैं। एसेय एक समतल जगह या तबले पे रखा जाता है अगर माउस पेड हो तो ज़्यादा अच्छा होता है।
रेम
यह एक प्राइमरी मेमरी होता है और इंटर्नल हार्डवेयर की श्रेणी में आता है। इसका पूरा नाम RAM (रैंडम एक्सेस मेमरी) होता है या इसको डिरेक्ट एक्सेस मेमरी भी बोला जाता है। रेम पे पूरे कंप्यूटर का प्रॉसेस निर्भर करता है जितना ज़्यादा रेम होगा कंप्यूटर उतना ही अछे गति से आउट्पुट देगा। यह हमारे कंप्यूटर में अंदर लगा होता है और रेक्टेंगल आकार में होता है।
स्कैनर
यह एक कंप्यूटर का बहारी हार्डवेयर है। स्कैनर का प्रयोग करके लिखित कागजात और तस्वीरों को डिजिटल चित्र में परिवर्तित कर मेमरी में सुरक्षित रखा जा सकता है। स्कैनर से हम डॉक्युमेंट्स को भी स्कैन कर के कंप्यूटर में स्टोर करते हैं।
प्रिंटर
प्रिंटर एक इक्स्टर्नल हार्डवेयर डिवाइस होता है जो हमारे कंप्यूटर में लिखे हुए जानकारी को या उसके प्रतिलिपि को एक काग़ज़ में छाप देता है जिसे हम हार्ड्कापी बोलते हैं। ज़्यादातर प्रिंटर दो तरह के देखे जाते हैं एक कलर जिससे की हम रंगीन प्रतिलिपि निकलते हैं, दूसरा ब्लैक & वाइट जिससे सफ़ेद काग़ज़ पर ब्लैक प्रतिलिपि होती है। आजकल दोनों एक हाई प्रिंटर में पाया जाता है।
स्पीकर
स्पीकर एक इक्स्टर्नल हार्डवेयर की श्रेणी में आता है, ये ध्वनिवर्धन के लिए प्रयोग में आता है। इसे कंप्यूटर से USB पोर्ट की द्वारा जोड़ा जाता है। इसे आउट्पुट डिवाइस भी बोला जाता है जो आजकल ज़्यादातर सिस्टम में अंदर ही मौजूद होता है। इसे चलाने के लिए हमें एक सोफ़्टवेयर की ज़रूरत होती है जिसे हम मीडिया प्लेयर बोलते हैं।
ग्राफ़िक कार्ड
ग्राफ़िक कार्ड इंटर्नल हार्डवेयर की श्रेणी में आता है। हमारे कंप्यूटर पहले से ग्राफ़िक के कामों को करने में सक्षम होते हैं लेकिन कुछ सोफ़्टवेयर ऐसे होते हैं जिसे बहुत ज़्यादा मेमरी को अवस्यकता होती है और फ़ोटो को रेंडर नहीं कर पता है जिसके लिए हमें ग्राफ़िक कार्ड की अवस्यकता होती है जो ग्राफ़िक कार्ड का इस्तेमाल कर के मॉनिटर पे फ़ोटो रेंडर कर देता है और डाटा को कुछ इस तरह बदल देता है जिससे मॉनिटर को समझने में आसानी होती है और हमारे कंप्यूटर पे ज़्यादा ज़ोर नहीं पड़ता है। हम जितना है अच्छा ग्राफ़िक कार्ड लगाते हाँ उतना हाई अच्छा होता है।
इसका ज़्यादा प्रयोग गेम बनानेवाले, विडीओ बनानेवाले और इंटिरीअर डिज़ाइनर करते हैं।
एस एम पी एस
एस एम पी एस एक इलेक्ट्रॉनिक सेर्किट होता है, इसका काम कंप्यूटर में लगे सभी हार्डवेयर को इलेक्ट्रिक सप्लाई करना होता है। इसका पूरा नाम स्विच मोड पावर सप्लाई होता है और ये एक इंटर्नल हार्डवेयर की श्रेणी में आता है।
हार्ड डिस्क ड्राइव (HDD)
हार्ड ड्राइव कंप्यूटर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पार्ट है। आप कुछ डोकमेंट्स, सोफ़्टवेयर, मूवी, गाने और आपके पुरानी से पुरानी तस्वीरें कंप्यूटर में लम्बे समय के लिए रखते हैं और बाद में इसे देखते हैं या प्रयोग करते हैं जो की आपके कंप्यूटर के हार्ड ड्राइव (Hard Drive) में होता है। ऑपरेटिंग सिस्टम जिसे ज़्यादातर लोग विंडो बोलते हैं वो भी आपके हार्ड डिस्क में हाई होता है। हम इसको कई छोटे छोटे हिस्से में बाँट देते हैं ताकि डाटा सुरक्षित रह सके अगर बाद में हम अगर अपना ऑपरेटिंग सिस्टम बदलते भी हैं तो केवल उसी ड्राइव का डाटा ग़ायब होगा जिसमें ऑपरेटिंग सिस्टम दल रहे हैं, बाक़ी का डाटा सेफ़ रहता है। हार्ड डिस्क ड्राइव इंटर्नल और इक्स्टर्नल दोनों हो सकते हैं।
डीवीडी ड्राइव
जैसा कि नाम से ही समझ में आ रहा है की ये डीवीडी से जुड़ा हुआ हो सकता है, बिलकुल सही अगर हमारे पास कुछ डाटा जैसे शादी समारोह की विडीओ, कोई फ़िल्म या अन्य तरह के विडीओ जो कि डीवीडी में है उसे हमें कंप्यूटर में देखना है तो हम डीवीडी ड्राइव का प्रयोग करते हैं और उसके माध्यम से उसे हम अपने कंप्यूटर में उसे देख सकते हैं और उसमें भविष्य के लिए रख भी सकते हैं।