Artificial Intelligence ए.आई (AI) क्या होता है? क्या कभी आपने सोचा है? क्या कहा… नहीं। अगर आपने ये नहीं सोचा तो ये बिल्कुल मान के चलिए आप विज्ञान के अद्भुत जानकारी से थोड़ा-सा वंचित रह गए।
अच्छा आपने गूगल से बोल के अपने सवाल तो किए होंगे या फिर आपने सुना तो होगा ही की अब कार बिना ड्राइवर के चलेगी, है ना! ये ए. आई. के उपयोग हैं। तो चलिए जब यहाँ तक आ ही गए हैं तो जानते हैं फिर ए.आई. क्या है? आखिर ये काम कैसे करता है, इसे कैसे बनाया जाता है, इसके उपयोग एवं प्रकार आदि के बारे में।
ए.आई.(AI) क्या है?
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर साइंस का एक भाग है जिसका उद्देश्य मशीनों एवं कंप्युटर को ऐसे सक्षम बनाना है जो मानव बुद्धिमत्ता की की तरह कार्य करें। यानि मशीन को ऐसा प्रोग्राम करना जिससे मनुष्य की तरह ना सिर्फ सोचना बल्कि समस्या का हल देना और निर्णय लेंने की भी क्षमता हो।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का इतिहास लगभग 1950-60 के मध्य शुरू होता है। जॉन मैकार्थी ने सर्वप्रथम इस वाक्यांश का प्रयोग 1956 में, डार्टमाउथ सम्मेलन मे AI को एक औपचारिक विषय के रूप में स्थापित किया। जॉन मैकअर्थी को आर्टिफ़िशियल इन्टेलिजन्स का जनक कहा जाता है। शुरुआत मे जहां AI के विकास की गति धीमी रही परंतु 21वीं सदी में कंप्यूटिंग शक्ति, डेटा की उपलब्धता और नए एल्गोरिदम AI के विकास में भी तेजी आई।
ए.आई.(AI) कितने प्रकार के होते हैं?
- संकीर्ण ए. आई.(AI) – संकीर्ण कृत्रिम बौद्धिकता एक प्रकार का कमजोर ए. आई. है। इस प्रकार के ए. आई. को केवल एक विशिष्ट कार्य करने के लिए प्रोग्राम किया जाता है। जैसे शतरंज खेलना, भाषा अनुवाद इत्यादि के लिए। इसलिए जैसे कल्पना हम ए. आई. के बारे मे करते हैं या मूवीज मे देखते हैं, फिलहाल अभी नहीं है। गूगल असिस्टन्ट, अलेक्सा, एवं chatgpt इसके उदाहरण है।
- सामान्य ए.आई.(AI)- सामान्य कृत्रिम बुद्धिमता, मजबूत ए. आई. का प्रकार है चुकी इसके पास मनुष्य जैसे बौद्धिक क्षमता होगी, जो मनुष्य जैसे सारे कार्यों को करने मे दक्ष होगा। हालांकि ये अभी अस्तित्व मे नहीं है।
- सुपर ए. आई.(AI)– सुपर कृत्रिम बुद्धिमता अगर हम सोचें की अस्तित्व मे आएगा तो इसका सीधा-सा मतलब होगा की ये इंसानी इन्टेलिजेन्स से काफी आगे निकाल चुका होगा। वैसे अभी सामान्य प्रकार के ए.आई. के बाद इसका विकास होगा जो की कल्पना मे है।
ए.आई.(AI) काम कैसे करता है?
डेटा और एल्गोरिदम का महत्व – ए.आई.(AI) काम करती है एल्गोरिदम और डेटा के संयोजन से। पहले, डेटा को इनपुट के रूप में दिया जाता है। फिर, ए.आई. एल्गोरिदम करके पैटर्न का उपयोग करते हैं और insights सीखते हैं। जब डेटा इनपुट किया जाता है तब एआई मॉडल डेटा एवं अलगोरिद्म के अनुसार परिणाम या निर्णय बनाता है। ये प्रक्रिया लगातार चलती रहती है क्योंकि अधिक डेटा और फीडबैक मिलता है, जो एआई के प्रदर्शन में सुधार करता रहता है।
मशीन लर्निंग डाटा के जरिए सीखता है एवं अलगोरिथ्म के अनुसार डाटा पैटर्न शो करता है।
डीप लर्निंग जो की advance मशीन लर्निंग है neural(न्युरल) नेटवर्क का प्रयोग करता है। यह कंप्युटर के दिमाग जैसा काम करता है। ये Layer डेटा को analysis करता है एवं image recognition, speech recognition मे use होता है।
ए.आई.(AI) बनाने की प्रक्रिया
ए. आई.(AI) बनाने को दो तरीके है –
- डेटा चालित- इसको बनाने के लिए अधिक मात्रा मे डाटा की आवश्यकता होती है जिसके अनुसार यह सीखता है। डाटा ट्रैनिंग के माध्यम से इसे सिखाया जाता है। ये आपको बहुत ही सटीक रीस्पान्स दे सकता है क्योंकि डेटा की उपलब्धता काफी है। ये डेटा नेचुरल भाषा में, इमेज, या औडियो के रूप मे हो सकती है। परंतु इसका उपयोग बहुत ही संभाल कर किया जाना चाहिए। इसका इस्तेमाल भविष्यवाणी मे किया जाता है।
- प्रमेय आधार पर- यह ए. आई.(AI) बनाने की तर्क की प्रणाली पर आधारित है। इसके अंतर्गत सिद्धांत को पढ़कर लर्न किया जाता है एवं उसी के अनुसार आउट्कम देता है। यह काफी सकारात्मक रिजल्ट्स देता है परंतु सभी चीजों के सिद्धांत ना होने से इसका क्षेत्र सीमित हो सकता है।
- Step– सर्वप्रथम उद्देश्य फिक्स किया जाता है की क्या प्रॉब्लेम्स है।
- Step- फिर Data collection किया जाता है। जिससे सिख कर, ए.आई. आउट्कम पर काम करता है। ये डाटा आपका औडियो, विडिओ, इमेज, के रूप मे हो सकता है।
- Step- इसके बाद डाटा का प्रोसेसिंग किया जाता है डेटा का साफ करना, बदलना, संतुलित एवं खाली डेटा को फिल करना आदि इसके अंतर्गत आता है।
- Step- Model ट्रैनिंग की जाती है की उसे कैसी प्रॉब्लेम के साथ कैसे सोल्यूशंस देने है।
- Step- Trained मोडेल को टेस्ट डाटा के साथ के साथ मूल्यांकन किया जाता है, जिससे शुद्धता पता चल सके।
- Step- Deployment इसके बाद रियल वर्ल्ड मे इसे प्रयोग किया जाता है।
- Step– इसे मानिटर किया जाता है एवं जो भी जरूरी हो अपडेट कीये जाते हैं ।
ए.आई.(AI) के अनुप्रयोग
- स्वास्थ्य सेवाओं में ए.आई.(AI)– हेल्थ सेक्टर मे जैस x-ray, MRI की मदद से रोग का पता लगाया जाता है। रोगों की पहचान के साथ-साथ दवाएं का भी सुझाव देता है। इसकी वजह से दवाओं की खोज भी तेजी से होंने लगी है।
- वित्तीय क्षेत्र में ए.आई.(AI)- आर्टिफ़िशियल इन्टेलिजन्स की मदद से बहुत सारे फ्रॉड समझ आ जाते है। साथ-साथ कस्टमर को भी उनको सवालों के जवाब देकर हैन्डल करता है। इसकी वजह से शेयर ऐनलाइज़ से लोग इनवेस्टमेंट मे मदद लेते हैं।
- ऑटोमेशन और रोबोटिक्स में ए.आई.(AI)– इसका सबसे अच्छा उदाहरण आपको बिना ड्राइवर के रोड पर चलने वाली कार है | एवं रोबाटिक्स के अंतर्गत आजकल ऐसे रोबोट तैयार किए जा रहे जो मानव के अनुसार कार्य कर रहे है। आपने आजतक चैनल पर ए. आई. ऐंकर सना के बारे मे जरूर सुना या देखा होगा।
- विडिओ गेम्स मे चेस,लूडो जैसे मे ए. आई.(AI) का इस्तेमाल हो रहा है।
- गूगल map, amazon मे जो सुझाव आपकी पसंद के आते रहते है, इसके साथ गूगल असिस्टन्स, सिरी, उत्पादन इंडस्ट्री, वेदर फोरकास्टिंग, ऐवीऐशन इत्यादि क्षेत्रों मे किया जाता है।
ए.आई.(AI) के फायदे और नुकसान
ए.आई.(AI) के फायदे–
- कृत्रिम बौद्धिक के आने से आपको गलतियाँ नहीं के बराबर और शुद्धता शत-प्रतिशत मिल सकती है।
- किसी भी कार्य करने मे तेजी आ सकती है एवं निर्णय मे भी तेजी आ जाएगी।
- क्योंकि शारीरिक कार्य करने पर मनुष्य थक जाता है जबकि मशीन बिना रुके, बिना थके लगातार काम कर सकता है।
- संचार, रक्षा, कृषि, आपदा मे भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। ऐसा कहा जाता है की आज की सबसे बड़ी समस्या ग्लोबल वार्मिंग को भी कम कर सकता है।
ए.आई.(AI) की चुनौतियाँ (कीवर्ड: ए.आई. समस्याएँ)- सर्वप्रथम जो खतरा है वो रोजगार का होगा क्योंकि ये तेजी से कार्य करने मे सक्षम हो जाने से लोग मनुष्य को कार्य पर नहीं रखेंगे।
- यह बहुत महंगा है। तकनीकी रूप से ये काफी जटिल हो सकता है।
- सुरक्षा: एआई सिस्टम के दुरुपयोग से डेटा की चोरी हो सकती है और गोपनीयता संबंधी चिंताएं बढ़ जाती हैं, जैसे Unauthorised डेटा तक पहुंच।
- निर्भरता और तकनीकी समस्याएं: यदि सिस्टम विफल हो जाता है या वायरस अटैक और तकनीकी समस्याएं आ जाएं तो ए.आई. पर अत्यधिक निर्भरता समस्याएं पैदा कर सकती है।
ए.आई. का दुरुपयोग हो सकता है, जैसे डीपफेक, गलत सूचना, और मालवेर एप्लिकेशन, जो सामाजिक और नैतिक मुद्दे पैदा करते हैं।
इस प्रकार हम देखते हैं की जहां ए. आई. हमारे जीवन मे बहुत सारी सुविधाओं के साथ प्रवेश किया है वहीं इसके दुष्परिणाम भी हैं। अगर हम इसका उपयोग सतर्कता के साथ करें तो हमारे जीवन मे एक चमत्कारिक आविष्कार साबित होगा परंतु इसका मिस्यूज़ बहुत ही भयानक परिणाम ला सकता है। आजकल देखने को मिल रहा बहुत लोगों के डीपफेक विडिओ आ रहे हैं।
कृपया उनकी मदद के लिए इस पोस्ट को उनलोगों तक ज़रूर पहुचाएँ जससे की उनकी ज्ञान मैं वृधि हो सके और अच्छे से समझ सकें। मुझे भी आप सब की सहयोग की बहुत आवश्यकता है जिससे कि कम्प्यूटर और इंटेरनेट से जुड़ी छोटी से छोटी जानकारी हिंदी में आप सब तक पहुँचा सकूँ।
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